Sunday, March 27, 2011

ध्यान क्या है ?

ध्यान क्या है ?
छोटी सी बात लेकर शुरुआत करते है . जो हम सब के साथ रोजाना घटित होती है . मैं यह समझाना चाह रहा हूँ कि ध्यान के बिना हम कुछ भी नहीं कर सकते . हमारी सभी इन्द्रियां कान, नाक , मुहँ, आंखे इत्यादि बिना ध्यान के कार्य नहीं कर सकती जैसे कि मान लीजिये कि आप एक सुंदर बगीचे में खड़े है और आपकी आंखे बड़ा ही सुंदर दृश्य निहार रही है और तभी आपका ध्यान आपके घर पर चला जाता है अब आपको बगीचे के सुंदर दृश्य कि बजाये आपका घर दिखाई देने लग जाता है जब कि आप अभी भी उस बगीचे में ही है और आपकी आंखे के सामने अभी भी वही सुंदर दृश्य ही है परन्तु ध्यान नहीं है . इसी प्रकार अन्य इन्द्रिया भी ध्यान के साथ ही काम करती है ध्यान के बिना कोई भी इन्द्री अपना कार्य नहीं कर सकती . ध्यान हमारे जीवन की एक बहुमूल्य शक्ति है जिसके बिना हम कुछ भी नहीं कर सकते . स्वामी राम कृष्ण मठ के रित्जानंद कहते है कि "ध्यान हमारे पास एक अति बहुमूल्य शक्ति है जिसे व्यर्थ नहीं गवाना चाहिए हमें चाहिए कि जिसकी सहायता से हम इस संसार में जीते है उस ध्यान को एकाग्रता की शक्ति से अपने विचारो पर प्रभुत्व स्थापित कर अपने वास्तविक स्वरुप विशुद्ध चैतन्य को उपलब्ध हो सके "

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