Wednesday, April 6, 2011

वो मै न था !


वो मै न था !

मन ही मन को समझा रहा था.....
वो मै न था
मन ही मन को डरा रहा था.....
वो मै न था
मन देख रहा था और मन ही दिखा रहा था.....
वो मै न था
मन दोड़ता था और मन ही दोड़ा रहा था.....
वो मै न था
मन खुश था और मन ही खुशी दिला रहा था.....
वो मै न था
मै देख रहा था इस प्यारे खेल को
और मुस्करा रहा था.................
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