कुछ श्रीमद भगवद गीता से
दान क्यां है ?
श्रीमद भगवद गीता के अनुसार दान तीन प्रकार का होता है . 1) सात्विक दान 2 ) राजसिक दान 3) तामसिक दान . सात्विक दान वो होता है जो सही समय सही परिस्थिति और सही पात्र को दिया जाता है और उः सोच कर दिया जाता है कि दान देना मेरा कर्त्तव्य है . राजसिक दान उसे कहते है जो यह सोच कर दिया जाता है कि इसके बदले में मुझे कुछ प्राप्त होगा और तामसिक दान वो दान होता है जो गलत भावना से कुपात्र को दिया जाता है . जिस प्रकार के यह दान है इसी प्रकार से इनके फल मिलते है !
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